سخن

دنیا، آیینه است. هرچه می بینی، انعکاس است

۱۳۹۳ شهریور ۱۲, چهارشنبه

из мечты (از رؤیا)

Кабуль, субота, 6 сентября
от: Зартошта Махди
Привет голубчика! Привет. Ну... скажи меня, как приживаешь? Как всегда спрашиваю, до сих пор думаешь «жизнь всегда трудно»? не скажи. Я согласн с тобою. А теперь, откуда я могу начинать мая история?
Во первых, я хотил бы писать эту письму и отправлю тебя для редакции; потому что ты хорошо знаешь что я пока не могу писать на русском как что хочу. Но после секунду, думал что не надо. Я пишу без редакции. Это благодарно.
Ум... думаю что есть одного воспоминаия для того чтобы однаждый должны плакать для себе. Да, вот как что я щас сижу в одной скучной комнату и думаю о прошлом. Спрашиваю себе «где моя мечта?» Она умерла что ли? Думаю это правда. Правда. Восхищаюсь, слишком восхищаюсь тот моменты которые почувствовал что я живо, у меня есть надежди и как что есть у всех. Но, ты можешь догадать это было когда я был семь или семь лет. как жал, как жал! Догадываюсь что тогда я забыл. Я забыл самая главная правда: судьба. Да, но плохая судьба!
***
Но, я не очень грустно. Чувствую что пока есть надежда хотя не однаждый, но и несколько раз хотел бы закончить жизнь самоубийтвом. Хорошо знаю что как я построил для получения надежды. И поэтому, я решил и тот раз я заходить в... не забываю что как я прочитал книгу Гимну с фортопянином. Было какая время, какое волшебное чуство и какое значение! Ах! Я скучал для всех, для каждых из них, для водой и хелиба который ели сместе.
Милая! Знаю что людей все любить что быть радостным; а я тоже хочу. Спрашиваю, кто не любить? Все любить. Даже одна бедная девочка в котором родился в Кабуле. На мой взгляд, она любить чем больше другие; но знаешь почему я называю её, бедная? Потому что у неё есть плохой судьби. У меня  тоже такой грустной истории. Люблю быть радостным, быть счастливам человеком, быть реальным человеком; но это... по другому словам, я не могу быть таким человеком. Просто хочу думать, думать и думать. Прости меня, я много говорил и болтал даже забыл что я хотил бы сказать. На конец скажу, хотя «жизнь всегда трудно» но прошу тебя, умолю тебя что быть радостным. Потому что, других вариантов нету. Мы не можем покончить жизнь самоубийством. Я тоже обещаю что никогда не потеряю моя мечта. Бог со мной. Может быть существовать ещё пути для путешествия. Уже поздно. Должен сплю. Не забывай! Пиши для меня.


کابل، ششم سپتامبر

نازنین سلام! سلام... خب، به من بگو زندگی ات چطور می گذره؟ مثل همیشه می پرسم، هنوز هم به همان یک اعتقاد هستی که می گفتی «زندگی همیشه سخت است»؟ نگویید. با تو موافقم. و حالا، از می توانم از کجا داستان خودم را شروع کنم؟
در ابتدا، می خواستم پس از اینکه نامه نوشته شد، آن را برایت بفرستم تا نگاهی به آن بیندازی. زیرا تو که می دانی، هنوز که هنوز است نمی توانم آنطور که دلم می خواهد، به روسی بنویسم. اما پس از لحظه ای، فکر کردم این کار لازم نباشد. می نویسم آنقدر که از دستم بر می آید و البته فکر می کنم لطف کار در همین است.
هوم... می دانی! فکر می کنم در زندگی خاطراتی داریم که روزی مجبوریم با یاد آن، برای خودمان گریه کنیم. ببین، مثل همین لحظه ی لعنتی که در یک اتاق دلتنگ کننده نشسته ام و به گذشته ها فکر می کنم. از خودم می پرسم «کجاست رؤیاهای من؟» آنها مرده اند انگار؟ گمانم درست باشد. در این ثانیه، لحظه هایی را می ستایم که احساس کردم من زنده ام، صاحب آرزوهایی هستم که همه ی مردمان خوب دارند. تو که می توانی حدس بزنی، این احساس درست زمانی به من دست داد که پنج یا هفت ساله بودم. افسوس! افسوس! حدس می زنم آن زمان چیزی را فراموش کرده بودم. من از یک واقعیت، بی خبر بودم: سرنوشت. یک سرنوشت شوم!
***
خیلی غمگین نیستم. احساس می کنم هنوز هم رگه هایی از امید در من باقی است گرچه نه یک روز، بلکه چندین بار فکر خودکشی به سرم زد. خوب بخاطر دارم که چطور برای بدست آوردن امید، دست و پا زدم. بنابر همین دلیل، روزی به مکانی وارد شدم... یادم است چطور اشعار را با صدای دلنشین پیانو، باهم دکلمه کردیم. عجب لحظه ای بود، چه احساس غریبانه ی داشتیم و چه معنایی! آه، برای همه چیز چه اندازه دلتنگ شده ام. برای هر یکی از آنها و برای آن آب و نامی که باهم خوردیم.
نازنین! می دانم که مردم همه چقدر دوست دارند شاد باشند. من ام همینطور. چه کسی آیا این را دوست ندارد؟ همه دوست دارند؛ حتا آن دختر بینوایی که در کابل به دنیا آمده است. به باور من، او بیشتر از هر کس دیگر، شادی را دوست دارد. اما شاید نمی دانی روی چه اساس، او را بینوا می نامم؟ زیرا که او سرنوشت شومی دارد. و داستان من نیز همانند سرنوشت او، غمگینانه است. دوست دارم که شاد باشم، دوست دارم موفق باشم و سر انجام دوست دارم واقع بین باشم. اما این... به عبارت دیگر نمی توانم آن انسان باشم. فقط مایلم فکر کنم، فکر کنم و فکر کنم. مرا ببخش! زیادی حرف زدم و وراجی کردم تا جایی که حتا فراموش کردم چه می خواستم بگویم. در آخر، نازنین! گرچه «زندگی سخت است» ازت خواهش می کنم، التماست می کنم که به قدر توانت شاد باشی. زیرا انتخاب دیگر یا گزینه ی دیگری نیست. نمی توانیم با خودکشی، خود را از شر زندگی خلاص کنیم. من ام وعده می سپارم، هیچ وقت اجازه ندهم بار دیگر، رؤیاهایم را گم کنم. خداوند با ماست. ممکن است راه دیگری نیز برای سفر ما وجود داشته باشد. دیگر، دیر وقت شب است. بایستی بخوابم. فراموش نکن که برایم به زودی چیزی می نویسی.

م. زرتشت

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