نویسنده: بی. لسکین
برگردان: مهدی زرتشت
سرگی[1]همین طور که روی پلاژ
خوابیده بود، داشت به طرف آفتاب نگاه می کرد. دیدن به سمت آفتاب سخت بود. آفتاب تابناک
و سوزان بود. آسمان پاک و آبی بود. در اطراف سرگی، مردم دراز کشیده بودند: دختران خوش
هیکلی که داشتند آفتاب می گرفتند، مردمان چابک و جوان... همه آنها در جنوب استراحت
کرده بودند و البته فکر می کردند که سرگی نیز برای سپری کردن اینجا آمده است. اما این
حقیقت نداشت. سرگی در جنوب برای انجام یک مأموریت آمده بود.
قبل از اینکه او برای انجام
این مأموریت بیاید، کارفرما به او گفته بود:
- بایستی کارهایت را با عجله
انجام بدهی و پس از دو/ سه روز برگردی. من می دانم البته دریا، آفتاب... اما کار، این
کار است.
سرگی گفته بود:
- البته آقای الکساندر ایوانویچ[2]!این نخستین روز نیست که شما مرا می شناسید. شما می دانید که من بیشتر از همه به مشقات
کار واقف ام.
پس از چهار روز، سرگی فکر
کرد، لازم نیست اینقدر عجله کند. البته که می توانست تمام کارها را در دو/ سه روز انجام
دهد. اما شخصی که قرار بود اسناد را امضا کند، به کیف[3] رفته بود. البته که می توانست
به کیف زنگ بزند و بگوید که سرگی منتظر اوست. اما... این شخص ممکن بود با عجله تمام
برگردد، در آن صورت سرگی نیز مجبور می شد پس از انجام کار، زود به خانه برگردد.
و اما؛ روی پلاژ چه قدر عالی
بود!
روز اول سرگی به تنهایی روی
پلاژ استراحت کرد. پس از آن، او با شخصی ملاقات کرد که در آسایشگاه داشت تفریحش را
می گذراند. این شخص سرگی را به یک مهمانی در اقامت گاهش دعوت کرد، در آنجا یکتعداد
آدم های اهل دل بودند... پس از دو روز سرگی میان یک گروه بزرگ بود. و البته، هر روز
پلاژ، تفریح و میکده. او مطلقاً به فکر کار نبود.
پس از یک هفته سرگی و دوستان
جدیدش به یک بازار رفتند تا یک شراب گوارایی خرید کنند. در نزدیکی این بازار، یک عکاس
داشت کار می کرد. او تابلوهای جالب انگیز عکاس را توانست ببیند: روی پس زمینه کوه شخصی بالای اسب، در دستش یک شمشیر
داشت و جای سرش خالی بود. هرکس می توانست اینطور عکس بگیرد: سرش را روی آن قرار می
داد و بالای اسب با پس زمینه کوه عکس می گرفت.
البته که سرگی و دوستانش عکس
گرفتند. عکاس گفت که عکس ها تا عصر آماده می شود. عصر سرگی عکس ها را تسلیم شد. عکس
ها جالب بودند. و او تصمیم گرفت عکس هایش را به خانم اش بفرستد. کاغذ را برداشت و دو
نامه نوشت: در نامه بزرگتر او نوشت که هیچ کاری انجام نداده، طی این مدت به جای انجام
مأموریت، با دوستان دلپسندش در آسایشگاه استراحت کرده است. و نامه کوچکتر دومی را برای
کارفرما نوشت. او در نامه به کارفرما نوشت که او طی این مدت، زیادی کار کرده است و
هنوز به خانه هم باز نگشته است به این خاطر که منتظر شخصی است که بایستی اسناد را امضاء
کند.
زمانی که سرگی نامه ها را
نوشت و می خواست برای خرید پوش نامه، به پسته خانه برود، اندری4 را دید. اندری همان
دوست جدیدی بود که سرگی او را در موقع استراحت در آسایشگاه ملاقات کرده بود. اندری
گفت، که او به پسته خانه آمد به این دلیل که سرگی شاید نامه بفرستد. سرگی روی کاغذ
آدرس خانم و آدرس دفتر کار را پشت نامه ها نوشت و داد به اندری.
پس از سه روز، از طرف کارفرما
به سرگی یک تلگرام عاجل رسد: «با عجله برگرد خانه.» سرگی تعجب کرد: چرا کارفرما به
آسایشگاه تلگرام فرستاده است؟ از کجا فهمیده سرگی اغلب وقتش را در آسایشگاه است؟ تلگرام
روز دو شنبه رسیده بود و سه شنبه آن روز سرگی به خانه برگشت. خانم خیلی خوشحال به نظر
می رسید وقتی دید سرگی برگشته است. سرگی پرسید:
- نامه ام را دریافت کردی؟
- دریافت کردم، اما خیلی عجیب
بود! چرا اینقدر رسمی نوشتی برایم؟
سرگی هراسان نامه را گرفت
و متوجه شد که خانم نامه ای را که برای کارفرما فرستاده است، دریافت کرده. پس رئیس
(کارفرما) نامه دیگر را دریافت کرده...
روز بعد، موقعی که سرگی به
دفتر کار رفت، با عجله به طرف دفتر رئیس رفت. منشی دفتر گفت که رئیس به وزارت تشریف
برده است. بعد، با دقت به سرگی نگاه کرد و گفت:
- رئیس خیلی متعجب بود وقتی
نامه شما را دریافت کرد. آنجا، او از شما خواهش کرد برگردید.
سرگی نامه را گرفت. این نامه،
همان نامه ای بود که او برای خانمش نوشته بود. این نامه ای بود که او در آن نوشته بود،
در جنوب چه استراحت عالی از سر می گذراند...
پرسید:
- و همراه نامه چیزی دگه ای
نبود؟
منشی گفت:
- چرا که نه، عکس ات که بالای
اسب سوار بودی. ما هنوز نمی دانستیم سرگی یک قهرمان است!
- فعلاً عکس ها کجاست؟
- روی جریده دیواری. روی دیوار،
نزدیک دفتر رئیس نصب شده تا همه بتوانند آن را بخوانند و ببینند که چطور اسب سوار شدی...
سرگی به طرف جریده دیواری
رفت. عنوان مطلبی که در عکس او را باخودش داشت، بود «مأموریت دشوار.» مطلب نگاشته بود:
«هیئت شما مدت طولانی است که در جنوب بسر می برد. کار در آنجا، روی پلاژ، خیلی دشوار
است. هیئت شما در این نامه اینطوری نوشته است. او به دفتر نه تنها که نامه فرستاده
است، عکس خود را نیز فرستاده است...»
در قسمت وسط مطلب، عکس او
گذاشته شده بود. در عکسی با پس زمینه کوه، سرگی روی اسب سوار بود در حالی که شمشیری
هم به دست گرفته بود.
سرگی چشمانش را بست و گفت:
- مادر!
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1- Сергей
2- Александр Иванович
3- Киев
4- Андрей
متن اصلی
Трудная командировка
Б. Ласкина
Серней дежал на пляже и смотрел на солнце. Смотрить было
трудна. Солнце было яркое и жаркое. Небо синее и чистое. Вокруг Сергея дежали
люди: красивые загорелые девушки, спортивные молодые люди... все они отдыхали
на юге и, конечно, думали, что Сергей тоже отдыхает. но это было непровда. Сергей
приехал на юг в командировку.
Перад командировкой директор сказал Сергею:
- вы должны сделать работу быстро и
вернуться домой через 2-3 дня. Я понимаю, конечно, море, солнце, но робота- это
работа!
Сергей сказал:
- конечно Александр Иванович! Вы
меня знаете не первый день. Вы знаете, что рабочие проблемы для меня самые
важные.
Через 4 дня на юге Сергей понял, что спешить не надо.
Конечно, можно было сделать всё за 2- 3 дня. Но человек, который должен был
подписать документы, уехал в Киев. Конечно, можно было позванить в Киев,
сказать что Сергей ждёт его, но... этот человек может вернуться слишком быстро,
и тогда Сергей тоже должен будет вернуться домой.
А на пляже было так хорошо!
Первые дни Сергей отдихал на пляже один. Потом но встретился
с человеком, который отдыхал в санатории. Этот человек пригласил Сергей в гости
в санаторий, там были и другие приятные люди... через 2 дня у Сергея была
большая компания. И, конечно, каждый день был пляж, экскурсии, бары, у него
абсолютно не было времени работать!
Через неделю Сергей и его новые друзья пошли на рынок.
чтобы купить вквсное молодое вино. Около рынка работал фотограф. У него была
интересная картина: гора и нафоне горы человек на лошади. В руке у человека
была шашка, а вместо головы была дырка. Каждый мог сделать фотографию: положить
голову в дырку и получить фото- на лошади на фоне горы.
Конечно, Сергей и его друзья сделали эти фотографии. Фотограф
сказал, что фотографии будить готовы вечером. Вечером Сергей плучил фотографию.
Фотография лыла красивая, и но ришил послать её жене. Но взял бумагу и написал
2 пимьма: одно большое письмо жене, где но написал, как но ничего не делает и
как хорошо но отдыхает в командировке, какие у него приятные друзья в санатории, а второе, маленькое,
директору. Там но написал, что но много работает и не может вернуться домой,
потому что ждёт человека, который должен подписать документы.
Когда Сергей уже написал эти письма и хотел пойти на почту,
чтобы купить конверты, но увидел Андрея. Это был его новый друг, который
отдыхал в санатории. Андрей сказал, что он идёт на почту и может послать письма
Сергея. Сергей написал на бумаге адрес жены и адрес офиса и дал Андрею.
Через 3 дня в санаторий на его имя пришла срочная
телеграмма от директора: «срочно вернуться домой». Сергей был удивлён: почему
директор послал телеграму в санаторий? Откуда он знал, что Сергей часто
приходит в санаторий? Телеграмма пришла во вторник, а в серду
Сергей вернулся домой. Жена была очень рада, что он вернулся. Серегй спрасил:
-
ты плучила моё письмо?
- плучила, но оно очень странное!
Почиму ты написал мне так официально?
Сергей взял письма и с ужасом понял, что его жена получила
письмо для директора. Значит, начальник получил другое письмо...
На следуюший день, когда Сергей пришёл на работу, он сарзу
пошёл к директору. Секретарь сказала, что директор уехал в министерство, а
потом внимательно смотрила на Сергея и сказала:
- директор был очень удивлён, когда
получил ваше письмо. Вот, но просил вернуть его вам.
Сергей взял письмо. Это было его письмо жене. Там он писал,
как хорошо он отдыхать на юге...
- А больше в конверте ничего не
было? – спросил он.
- было, - сказала секретарь. – была
ваша фотография на лошади. Мы не знали, Сергей, что вы джигит!
- А где сейчас это фотография?
- В стенгазете. На стене, около
кабинета директора висит стенгазета, чтобы все могли её прочитать и увидеть вас
на лошади...
Сергей нашёл стенгазету. Статья о нём называлась «трудная
командировка». Текст был такой: «наш коллега уже очень давно находится в
командировке на юге. Работа там, на пляже, очень трудная, как написал в письме
наш коллега. Но послал в офис не только письмо, но и фотографию...»
В сентере статья была его фотография. На фото Сергей сидел
на лошади на фоне гроы. В руке у него была шашка.
- мама! – сказал Сергей и закрыл
глаза.
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